ये त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। … ऐसी मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को ही मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उनके घर गए थे। यमुना को दिए गए वरदान स्वरूप ही इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई।
कार्तिक मास में दीपावली का उत्सव अपने साथ पांच पर्वों की श्रृंखला लेकर आता है. इसमें धनतेरस से पर्व की शुरुआत होकर भाई दूज का पर्व पांचवां उत्सव होता है. इस पर्व को यम द्वितीया भी कहते हैं.
भाईदूज की धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे. यमुना जी ने यमराज जी का आदर-सत्कार किया. धर्मराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहा. यमुनाजी का कहना था कि वह कृष्ण की पटरानी हैं, क्या मांगें.
धर्मराज ने फिर भी वरदान मांगने के लिए यमुनाजी से कहा. इस पर यमुना जी ने कहा कि जो मेरे अंदर स्नान करे, वह बैकुंठ जाए. इस बात पर यमराज जी चौक गए और यमुना जी से कहे कि इससे तो मेरा लोक ही सुना हो जाएगा, और धरती पर पाप – पुण्य के लेखा जोखा का संतुलन बिगड़ जायेगा। तब यमुना जी बोली की आज के दिन (यम द्वितीया , भाईदूज ) जो भाई-बहन हाथ पकड़कर स्नान करेंगे वह यमलोक न जाकर बैकुंठ जाएंगे.
उत्तर भारत में गाली देने की परंपरा
उत्तर भारत में बहने भाई को गाली देती हैं कोसती भी हैं. बहनों द्वारा भाईयों को गाली या श्राप देने के पीछे एक प्राचीन कहानी है.
एक राजा के पुत्र की शादी थी. उसने अपनी विवाहिता पुत्री को भी बुलाया. दोनों भाई बहन में खूब स्नेह था. जब बहन भाई की शादी में शामिल होने आ रही थी, तो रास्ते में उसने एक कुम्हार दंपति की बातें सुना. वे कह रहे थे कि राजा कि बेटी ने अपने भाई को कभी गाली नहीं दी है. वह बारात के दिन मर जाएगा. यह सुनते ही बहन अपने भाई को कोसते हुए घर गई.
बारात निकलते वक्त रास्ते में सांप, बिच्छू जो भी बाधा आती उसे मारते हुए अपने आंचल में डालते गई. जब वह घर लौटी तो वहां यमराज पहुंच गए. यमराज भाई के प्रति बहन का ये स्नेह को देखकर प्रसन्न हुए और कहा कि यम द्वितीया के दिन बहन अपने भाई को गाली व श्राप दे, तो भाई को मृत्यु का भय नहीं रहेगा.
इस तरह भाईदूज का त्यौहार भाई बहन की आपसी प्रेम – भाव का त्यौहार है। जिसे सभी बहुत ही उत्साह और ख़ुशी से मनाते है।
उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आइयेगा और आप भी सभी त्योहारों को ख़ुशी पूर्वक मनाये, और किसी तरह की जानकारी के लिए आप मुझे कमेंट में पूछ सकते है।