शादी एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमे न सिर्फ दो लोग बल्कि दो परिवारों का भी आपसी मिलन होता है पहले शादी बहुत ही Simple तारिके से होती थी लेकिन आज कल बहुत सारे Function शादी से पहले होते है और लगभग एक हफ्ते तक चलते है। जिसमे सबसे एक Important Function Engagement का है। Engagement में लड़का – लड़की एक दूसरे को अंगूठी पहनते है।
Engagement ki Ring किसी भी अंगुलियों में नहीं पहनाई जाती है बल्कि सभी अंगुलियों में एक विशेष अंगुली होती है जिसमे रिंग पहनाई जाती है। तो आइये जानते है Ring ceremany से जुड़े हुए बातें।
कैसी शुरुआत हुई Engagement की परम्परा
सगाई की रस्मे बहुत पहले ही सुरु हो गयी थी। इस परम्परा की शुरुआत रोमन्स के युग में ही हो गयी थी। एक रोमन couples ने शादी से पहले एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और इस नयी रस्म की शुरुआत की। तब से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही है और आज के दौर में यह और भी ज्यादा धूम-धाम से मनाई जाती है।
किस अंगुली में पहनाते है रिंग
Ring ceremany में भी ring जिस अंगुली में पहनाई जाती है वह है बाये हाथ की तीसरी अंगुली। इस अँगुली को अनामिका के नाम से भी जाना जाता है।
तीसरी अंगुली में रिंग पहनाने का कारन क्या है
१- रोमन की मान्यता के अनुसार तीसरी अँगुली से होते हुए एक नस सीधे दिल से जुडी हुए होती है। यही वजह है की couples का दिल से दिल का कनेक्शन हो , इसलिए बाये हाथ की तीसरी अँगुली ( अनामिका ) में रिंग पहनाई जाती है। इस अँगुली को Ring Finger के नाम से भी जाना जाता है।
२- चीन की मान्यता के अनुसार हर अँगुली एक रिश्ते को दर्शाती है। जैसे – अंगूठा माता – पिता के रिश्ते को , तर्जनी भाई – बहन के रिश्ते को , मध्यमा रक्त के लिए ,अनामिका अपने पार्टनर के लिए , और कनिष्ठा ( सबसे छोटी अंगुली ) बच्चो से साथ रिश्तों को दर्शाती है।
यही वजह की अनामिका अँगुली जो की पार्टनर के लिए है रिंग भी उसी में पहनाई जाती है।
तो इस तरह सगाई करने की परम्परा की शुरुआत हुए और आज के दौर में यह बहुत ही ज्यादा पॉपुलर भी हो गया है। सगाई की रस्म लगभग सभी सम्प्रदाय के लोग करते है और इस फंक्शन को यादगार बना देते है।
तो दोस्तों उम्मीद है आपको सगाई से जुडा आर्टिकल पसंद आइयेगा और किसी तरह की जानकारी के लिए आप मुझे कमेंट में पूछ सकते है।