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मेरी माँ

मैं मानता हूँ दुनिया का कोई भी रिश्ता छोटा नहीं होता,
मगर मेरे माँ के बराबर कोई खड़ा नहीं होता।

माँग लू ये मन्नत की फिर वही जहान मिले ,
फिर वही जन्नत , फिर वही माँ मिले।

मेरे इन्तजार में खुली आँखो से बस वही सो सकती है,
मेरे दुःख में मुझसे ज्यादा बस वही रो सकती है।

माथा चूमकर मुक्कदर देने का जादू बस उसी को आता है,
और उसी का हाथ है जो थर्मामीटर से भी ज्यादा करेक्ट टेम्परेचर बताता है।

तेरी कमी इस जिंदगी में बहुत सताती है,
हो सके तो लौट आ माँ तेरी याद बहुत आती है।

मैंने मुहब्बत की तमाम किताबे पढ़ डाली पहले पन्ने पर माँ का नाम लिखा था
वो मुझ पर तब से जान देती है जब में प्रेगनेंसी स्ट्रिप पर सिर्फ एक लकीर बनकर दिखा था।

हिसाब लगाकर देखकर लो दुनिया के हर रिश्ते पर कुछ आधा और अधूरा निकलेगा
सिर्फ माँ का ही प्यार है जो दुसरो से नौ महीने ज्यादा निकलेगा।

किसने देखा है माँ का दिल…. , मैंने तो नहीं देखा,
हा पर मैंने तो माँ के हाथ जरूर देखे है जो मेरे लिए रोटियां बनाते समय कई बार तवे पर जले है , वही हाथ जो मेरी उंगलिया थाम कर बरसो बरस चले है ,
मुझे लिखना सिखाते समय जिन हाथो पर पेंसिल की कालिख चढ़ जाती थी ,
और मेरी शर्ट का बटन टाँकते हुए सुईया चुभ जाती थी ,
वही हाथ जो मुझे तकिया बनाकर सिराहने सोते थे
और मुझे एक थप्पड़ मरकर खुद दस बार रोते थे ,
देखो तुम्हारा जरुरी नहीं है श्रवण कुमार होना , आँसुओ से माँ के पैर धोना ,
पर जिन हाथो की छुरिया तुम पर कर्ज है
रोज उन हाथो को सोने से पहले चुम कर सोना।

खुदा हर जगह मौजूद नहीं रह सकता था इसलिए उसने माँ बनाई ,
ऐसा नहीं है की माँ को बनाकर खुदा ने कोई जश्न मनाया बल्कि खुदा भी बहुत पछताया।
कब उसका एक एक जादू किसी और ने चुरा लिया वो जान भी नहीं पाया ,
खुदा का काम था मोहबत वो माँ करने लगी ,
खुदा का काम था हिफाजत वो माँ करने लगी ,
खुदा का काम था बरकत वो भी माँ करने लगी ,
देखते ही देखते उसके आँखो के सामने कोई और परवरदीगार हो गया
क्युकी माँ को बनाकर खुदा खुद ही बेरोजगार हो गया।

एक प्लेट में मिठाई के दो टुकड़े और तीन लोगो का परिवार ,
मुझे मीठा पसंद नहीं हर बार उसका यही था जवाब ,
जिंदगी भर मैं उसके झूठ पर यकींन करता रहा ,
जैसे मुझे बाहर का खाना पसंद नहीं , सिनेमा जाना पसंद नहीं ,
काँच तो सुहागन का शगुन है चांदी की चूड़ियाँ क्या करुँगी ,
संदूक में हजारो साड़ियां भरी है नई साड़ियां क्या करुँगी ,
वो उतना ही मुस्कुराई जितना उसका दिल दुखा है ,
दुनिया की सबसे बड़ी झूठी है वो, फिर भी कायनात का हर सच उसके सजदे में झुका है।

चलती फिरती आँखो से मैंने अजां देखि है ,
मैंने जन्नत तो नहीं देखि मैंने माँ देखी है।

पैसे से सब कुछ मिलता है ,
पर माँ जैसा प्यार कही नहीं मिलता है।

वह माँ ही है जिसके रहते जिंदगी में कोई गम नहीं होता ,
दुनिया साथ दे या ना दे लेकिन माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।

पूछता है अब कोई मुझसे दुनिया में मोहब्बत बची है कहाँ ,
मुस्कुरा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ ….. Miss you Maa

Hello! My name is Pooja Gupta, I am a professional hindi blogger who likes to write a lot. I like reading books surfing Internet and cooking testy foods.

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