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अंग दान का महत्व और फायदे

मानव जीवन बहुत ही मूलयवान है इसलिए इस जीवन को हमेशा ही अच्छे कामो में लगाना चाहिए। आज के दौर में लोगो की किसी न किसी कारण उसकी मृत्यु हो जाती है अंग दान करके आप किसी का जीवन बचा सकते है। हमारे देश बहुत लोग तो अपनी इच्छा से अंग दान करते है और कुछलोग को तो पता भी नहीं होता की अंग दान के साथ आजकल स्किन यानि त्वचा दान भी किया जाता है। इसलिए अंग दान को महादान कहा गया है।

क्या होता है अंग दान

किसी दूसरे व्यक्ति को अपने अंग अपनी इच्छा से देना ही अंग दान कहलाता है। मानव शरीर के कई अंग किसी कारण वश ख़राब हो जाते है या काम करना बंद कर देते है। तो ऐसे में किसी स्वस्थ व्यक्ति के दान किये गए अंग को बीमार व्यक्ति में लगा दिया जाता है। जिससे व्यक्ति की जान बच जाती है। आँखे और स्किन को छोड़ कर बाकि मामलो में यह तभी हो सकता है जब व्यक्ति के दिल की धड़कन चल रही हो भले ही उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया हो।

कौन कर सकता है अंग दान

१८ साल के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से अपना अंग दान कर सकता है। अंग दान करने वाले व्यक्ति का शरीर बिल्कुल ही स्वस्थ होना चाहिए , उसे किसी तरह बीमारी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में व्यक्ति अंग दान करके किसि दूसरे की जीवन में खुशिया ला सकता है।

क्या होता है स्किन दान

स्किन दान का ज्यादातर प्रयोग स्किन बर्न केस में किया जाता है आज कल के समाज में ऐसे कई महिलाये है जो घर में कामकरते वक्त जरा सी लापरवाही से जल जाती है या किसी घरेलु हिंसा की शिकार महिलाये खुद को जला लेती है. या फिर आज का एसिड अटैक के बहुत सारे केस देखने को मिलते है समाज में। तो ऐसे में पीड़ित को स्किन को काफी नुकसान पहुँचता है। इसलिए दान किये गए स्किन को सर्जरी के द्वारा पीड़ित को ठीक किया जाता है जिससे स्किन थोड़ी अच्छी हो जाये। इसलिए स्किन दान भी बहुत जरुरी है।

ब्रेन डेड और सामान्य मौत में अंतर

जब किसी व्यक्ति के शरीर के बाकी अंग काम कर रहे हों, लेकिन किसी वजह से उसके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया हो और उसके ब्रेन की फिर से काम करने की संभावना न हो, तो ऐसे व्यक्ति को ब्रेन डेड माना जाता है. ब्रेन ट्यूमर, सिर में गंभीर चोट लगना, लकवा आदि के कारण व्यक्ति ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच सकता है. ब्रेन डेड के मामले में व्यक्ति के अंगों का दान किया जा सकता है.

अंग दान से जुड़ी कुछ बाते

१ – ज्यादातर अंग दान लोग मरने के बाद ही करते है, लेकिन डेड ब्रेन के स्थिति में भी अंग दान कर सकते है क्योकि डेड ब्रेन भी मरने के ही सामान होता है और ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो सके उसका अंग निकलने की कोशिश करते है।

२ – अंग दान में ज्यादातर लोग आँखे, लंग्स, ह्रदय, किडनी, लिवर, ही दान करते है।

३ – हर इंसान के पास दो किडनी होती है जिसमे यदि व्यक्ति चाहे तो अपनी एक किडनी दान कर सकता और किसी की जिंदगी को बकचा सकता है। एक किडनी के सहारे भी व्यक्ति अपनी जिंदगी ख़ुशी पूर्वक बिता सकता है।

४- अंग दान हमेशा से एक स्वस्थ व्यक्ति ही कर सकता है , किसी भयंकर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का अंग नहीं लिया जाता है।

५- मरने के बाद स्किन डोनेशन भी आसानी से हो जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती. आंखों की तरह ही मरने के छह घंटे के भीतर स्किन डोनेशन किया जा सकता है. स्किन डोनेशन में सिर्फ पीठ और जांघ से स्किन की पतली लेयर निकाली जाती है और ये बहुत ही आसान प्रक्रिया है।

६ – बोन मैरो डोनेशन की जरूरत अमूमन ब्लड कैंसर के केस में होती है. इसके लिए हेल्दी व्यक्ति को सिर्फ 300 मिली ब्लड डोनेट करना होता है. अगर कोई चाहे तो नॉर्मल रक्तदान करते समय भी बोन मैरो डोनेशन के लिए सहमति दे सकता है।

७ – १८ साल के बाद कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अंग दान कर सकता है।

उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आयेगा और अगर आपको किसी तरह की जानकारी के लिए आप मुझे कमेंट में पूछ सकते है।

Hello! My name is Pooja Gupta, I am a professional hindi blogger who likes to write a lot. I like reading books surfing Internet and cooking testy foods.

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